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डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं

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डिजिटल रुपया; पहली बार RBI लेकर आई डिजिटल रुपया, किस तरह होगा लेनदेन? जानें पूरी डिटेल

डिजिटल रुपया; पहली बार RBI लेकर आई डिजिटल रुपया, किस तरह होगा लेनदेन? जानें पूरी डिटेल

हम जिस तरह अपने बैंक अकाउंट बैलेंस को चेक करते हैं। वहीं वॉलेट में जिस तरह पैसों को रखते हैं। कुछ इसी तरह डिजिटल रुपया का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। गौरतलब बात है कि केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई ये डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगी। अगर आप ब्लॉकचेन तकनीक के बारे में नहीं जानते हैं। ऐसे में आप नीचे लिंक पर क्लिक करके इस विषय को जान सकते हैं।

डिजिटल रुपये का पायलट परीक्षण

दरअसल, आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (सीबीडीसी) लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट परीक्षण शुरू करने का फैसला किया है। जिसके लिए इस परीक्षण में नौ बैंक शामिल हैं। ये बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी है।

कैसे अलग है ये क्रिप्टोकरेंसी से

गौरतलब बात है कि डिजिटल रूपया क्रिप्टोकरेंसी से बिल्कुल अलग है। क्रिप्टोकरेंसी को किसी प्रकार की कोई संस्था या सरकार मॉनिटर नहीं करती है। बाजार के व्यवहार के कारण डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं इनकी वैल्यू तेजी से ऊपर नीचे होती है। वहीं भारत की डिजिटल करेंसी पूरी तरह आरबीआई द्वारा रेगुलेट की जाएगी। इसमें बिटकॉइन की तरह क्वांटिटी की सीमा भी नहीं होगी। डिजिटल रुपया के माध्यम से आप रोजमर्रा की लेनदेन भी आसानी से कर सकेंगे।

ऐसे होगा लेनदेन

आरबीआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक CBDC एक पेमेंट का मीडियम होगा, जो एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट यानी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। वहीं देश में E-Rupee आने के बाद आपको कैश रखने की जरूरत कम हो सकती है।

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Digitization : भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण

Digitization : Digitization of Currency in India

किशन भावनानी। Digitization : वर्ष 1976 में आई फिल्म सबसे बड़ा रुपैया का मज़रूह सुल्तानपुरी द्वारा लिखा और महमूद द्वारा गाया गीत, ना बीवी ना बच्चा ना बाप बड़ा ना मैया द होल थिंग इस दैट कि भैया सबसे बड़ा रुपैया, इस गीत की एक एक लाइन में इस आधुनिक युग में रुपए के महत्व को गाकर बताया गया है जो हमपर आज 46 साल बाद भी इसकी सच्चाई पर सटीक बैठता है, क्योंकि आज मुद्रा ही सब हो गई है, हर क्षेत्र में मुद्रा का ही बोलबाला है जो हकीकत बन चुका डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं है, परंतु मेरे विचार से यह नहीं होना चाहिए। अगर हम यह गीत सुनेंगे तो हम वर्तमान परिस्थितियों में मेल खाती हुई सच्चाई को महसूस करेंगे। आज भारतीय मुद्रा दो तरह से प्रचलन में हैं। सिक्के और कागजी स्वरूप में,परंतु अंग्रेजों के आने से पहले मुद्रा केवल सिक्के के रूप में ही होती थी। सिक्के के रूप में भी भारतीय मुद्रा में समानता नहीं थी। एक मुद्रा एक स्थान पर तो मान्य थी, लेकिन दूसरे पर नहीं, जैसे हैदराबाद के निजाम के सिक्के अलग थे और सिखों के अलग। यह समानता मुगल लेकर आये और उन्होंने मुद्रा में एकरूपता स्थापित किया। चूंकि 1 नवंबर 2022 को भारतीय मुद्रा प्रणाली को डिजिटल रुपया (ई-रुपया) का आकार दिया गया है इसीलिए आज हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आई जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से इसपर चर्चा करेंगे।

साथियों बात अगर हम भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण (Digitization) की करें तो, भारत सरकार ने 01 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी, 30 मार्च 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की, 01 नवंबर, 2022 को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (ई-रुपया)लांच हुआइसको भारतीय रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी डिजिटल रुपया को लॉन्च कर दिया है। केंद्रीय बैंक (आरबीआई) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने घोषणा की कि भारतीय रुपये के समानांतर डिजिटल ई-रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया गया है आरबीआई ने कहा हैकि ई-रुपया एक परिवर्तनीय कानूनी निविदा के रूप में कार्य करेगा, जिसके लिए धारकों को बैंक खाता रखने की आवश्यकता नहीं होगी।

आरबीआई गवर्नर नेबुधवार को बैंकरों के वार्षिक सम्मेलन में कहा,रिजर्व बैंक महंगाई दर पर उसी तरह नजर रख रहा है, जैसे महाभारत में अर्जुन ने एक घूमने वाली मछली की आंख में तीर मारने के लिए ध्यान केंद्रित करते हुए रखी थी।अर्जुन के कौशल की बराबरी कोई नहीं कर सकता, लेकिन हमारी (आरबीआई) अर्जुन की तरह महंगाई दर पर लगातार नजर रखने की कोशिश है। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब महंगाई दर काफी तेज है और आरबीआई जल्द ही सरकार को इस संबंध में स्पष्टीकरण देगा विश्व बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7 से अधिक का शुल्कचुकाना पड़ता हैजबकि डिजिटल करेंसी के आने से इस मद में 2 तक की कमी आएगी।

साथियों बात अगर हम ई-रुपया के इस्तेमालकी करेंतो आरबीआई की ओर पूर्व में शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, सीबीडीसी (डिजिटल रुपी) एक पेमेंट का मीडियम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा, इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी आने के बाद हमको हमारे पास कैश रखने की जरूरत नहीं या कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी। करंसी विशेषज्ञों के मुताबिक ई-रुपया टोकन आधारित होगा। इसका मतलब यह है कि आप जिस व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं, उसकी पब्लिक ‘कीÓ के जरिये भेज सकते हैं। यह एक ईमेल आईडी जैसा हो सकता है। आपको पैसे भेजने के लिए पासवर्ड डालना होगा। ई- रुपया बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। हालांकि, इस पर विस्तार से जानकारी आनी बाकी है।

ई-रुपया को हम अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे, इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट भी करा सकेंगे। सबसे बड़ी बात इस डिजिटल रुपया का सर्कुलेशन पूरी तरह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियंत्रण में होगा। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत में कमी आएगी। हालांकि, इस डिजिटल करेंसी के आने से देश की मौजूदा भुगतान प्रणालियों में कोई बदलाव नहीं होगा। साथियों बात अगर हम सीबीडीसी को समझने की करें तो, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है।

यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है। दो तरह की होगी सीबीडीसी,(1)रिटेल जो संभवत सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी(2)होलसेल सीबीडीसी, इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है।थोक खंड के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक आईडीएफसी फस्र्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं।

ये बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे। इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी हमारे लिए बहुत कुछ बदलने वाली है। साथियों बात अगर हम ई रुपया के फायदों की करें तो,देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी आने के बाद हमको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम होजाएगा आसानसीबीडीसी द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगाचेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट (Digitization) नहीं रहेगा।

CBDC और Cryptocurrency दोनों हैं बेहद अलग, जानें कैसे?

क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है.

CBDC और Cryptocurrency दोनों हैं बेहद अलग, जानें कैसे?

नई दिल्ली, 6 नवंबर : क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है. पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, क्योंकि उनका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है. हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं.

मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ, केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं. सीबीडीसी, या भारतीय ई-रुपया, आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है. ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह, ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है, क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है. जिसके चलते, दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं. यह भी पढ़ें : Great news! क्वारंटाइन के बाद 2 चीतों को कुनो बाड़े में छोड़ा गया, PM मोदी ने शेयर किया शानदार VIDEO

सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है. काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है, और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं. केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है. दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है. उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है. वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं. बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है. काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं. सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं. सीबीडीसी अधिकृत (निजी) ब्लॉकचेन पर काम करता है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी बिना लाइसेंस (सार्वजनिक) ब्लॉकचेन पर काम करती है.

क्रिप्टोक्यूरेंसी यूजर्स के लिए एक फायदा है. सीबीडीसी ग्राहकों की पहचान मौजूदा बैंक खाते के साथ-साथ समान मात्रा में व्यक्तिगत जानकारी से जुड़ी होगी. केंद्रीय बैंक सीबीडीसी नेटवर्क के लिए नियम निर्धारित करता है. क्रिप्टो नेटवर्क में अधिकार यूजर को दिया जाता है, जो आम सहमति के माध्यम से चुनाव करता है. परिषद के अनुसार, सीबीडीसी का उपयोग केवल भुगतान और अन्य मौद्रिक लेनदेन के लिए किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग सट्टा और भुगतान दोनों के लिए किया जा सकता है.

क्या है Digital Rupee,कैसे आप कर सकते हैं इसका यूज?यहां जाने हर सवाल का जवाब

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अब जेब में केश लेकर चलता पुराने जमाने की बात होगी। जी हां, बिलकुल सही सुना आखिरकार लंबे समय से जिस बात का इंतजार था वो पूरा डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं होने जा रहा है। देश का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश की डिजिटल करेंसी यानी ‘डिजिटल रुपया’ का पहला पायलट परीक्षण आज से शुरू करने जा रहा है। ऐसे में डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे। इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है। तो आइए जानते हैं ये डिजिटल करेंसी कैसे काम करेगी और आपके लिए किस तरह फायदेमंद साबित होगी।

RBI ने पिछले महीने की थी घोषणा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर महीने की शुरुआत में घोषणा करते हुए कहा था कि वह जल्द ही खास इस्तेमाल के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) का पायलट लॉन्च शुरू करेगा। इसके लिए केंद्रीय बैंक ने 1 नवंबर 2022 की तारीख तय की थी।यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तौर पर शुरू किया जा रहा है। RBI होलसेल ट्रांजैक्शन और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट के लिए अपने डिजिटल रूपी की शुरुआत कर रहा है।

ऐसे कर सकेंगे E-Rupee का इस्तेमाल

आरबीआई की ओर पूर्व में शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, CBDC (डिजिटल रुपी) एक पेमेंट का मीडियम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी।

अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे

E-Rupee को आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे। इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट भी करा सकेंगे। सबसे बड़ी बात इस डिजिटल रुपया का सर्कुलेशन पूरी तरह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियंत्रण में होगा। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत में कमी आएगी। हालांकि, इस डिजिटल करेंसी के आने से देश की मौजूदा भुगतान प्रणालियों में कोई बदलाव नहीं होगा।

इसे इस्तेमाल करना बेहद आसान

आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) का इस्तेमाल कर सकते हैं। CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा और करेंसी नोट से इसे बदला भी जा सकेगा। ठीक उसी तरह जैसे हम ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करते हैं या मोबाइल वॉलेट चेक करते है, उसी तरह E-Rupee को इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल रुपी को UPI से भी जोड़े जाने की तैयारी है।

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