SEBI ने Social Stock Exchange के लिए फ्रेमवर्क पेश किया, जानिए क्या है SSE
इंग्लैंड, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों में पहले से SSE मौजूद हैं। इंडिया में SSE के लिए बड़ा बाजार है। इंडिया में 31 लाख से ज्यादा एनपीओ हैं। हर 400 इंडियंस पर एक एनपीओ है
SEBI ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) बनाने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है। उसने इसका फ्रेमवर्क 19 सितंबर (सोमवार) को पेश किया। नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन (NPO) एसएसई पर लिस्ट होंगे। जो NPO सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर खुद को लिस्ट कराना चाहेंगे, उन्हें पहले अपना रजिस्ट्रेशन नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन के रूप में कराना होगा।
इंग्लैंड, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों में वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे पहले से SSE मौजूद हैं। इंडिया में SSE के लिए बड़ा बाजार है। इंडिया में 31 लाख से ज्यादा एनपीओ हैं। हर 400 इंडियंस पर एक एनपीओ है। सेबी ने 2020 में एसएसई के बारे में एक ड्राफ्ट रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि एसएसई से कोरोना से प्रभावित लोगों के जीविकोपार्जन के मौके पैदा करने में मदद मिलेगी।
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SEBI ने प्रस्तावित SSE के बारे में जुलाई 2020 में लोगों की राय मांगी थी। इससे पहले सेबी ने कमेटी गठित की थी, जिसने बॉन्ड इश्यू और फंडिंग के दूसरे तरीकों के जरिए एनपीओ की डायरेक्ट लिस्टिंग की सलाह दी थी।
सेबी ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि एनपीओ का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट 12 महीने के लिए मान्य होगा। संस्था का इंडिया में 'चैरिटेबल ट्रस्ट' के रूप में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। उसे पब्लिक ट्रस्ट के नियमों के तहत उस राज्य में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जहां वह कामकाज करती है।
सेबी के सर्कुलर में कहा गया है कि सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860, इंडियन ट्रस्ट एक्ट, 1882 या कंपनीज एक्ट, 2013 के सेक्शन 8 के तहत भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। NPO को यह बताना होगा कि उनका मालिक हक सरकार के पास है या वह प्राइवेट है। NPO की उम्र कम से कम तीन साल होनी चाहिए।
सेबी के सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि NPO को इनकम टैक्स एक्ट के तहत अपना 80जी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पिछले फाइनेंशियल ईयर में उनका न्यूनतम खर्च 50 लाख रुपये होना चाहिए। साथ ही न्यूनतम फंडिंग 10 लाख रुपये होना चाहिए।
सेबी ने कहा है कि एसएसई गवर्निंग काउंसिल के तहत एसएसई को ड्राफ्ट फंड रेजिंग डॉक्युमेंट तैयार करने होंगे। उसे इस जरूरत के बारे में अपनी वेबसाइट पर बताना होगा। एसएसई को वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे एनपीओ के विजन से जुड़ी इंफॉर्मेशन अपने पास रखनी होगी। इसके अलावा उसके पास एनपीए के दूसरे डिटेल भी होंगे। इनमें एनपीओ की स्ट्रेटेजी, प्रबंधन से जुड़े लोगों की डिटेल, पिछले तीन साल के फाइनेंशियल वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे स्टेटमेंट शामिल होंगे। एनपीओ को यह भी बताना होगा कि उसके कामकाज से किस तरह के रिस्क जुड़े हैं।
EXCLUSIVE: एक्सचेंज में तकनीकी खराबी पर निवेशकों को नहीं होगा नुकसान, 1.30 घंटे बढ़ेगा बाजार का कामकाज
Tech glitches in Exchange: एक्सचेंज में तकनीकी खराबी पर निवेशक झटका नहीं लगेगा. निवेशकों और ट्रेडर्स को सौदा काटने का पूरा समय मिलेगा. 2:15 बजे तक चालू नहीं होने पर बाजार शाम 5 बजे तक खुलेगा.
एक्सचेंज में कोई तकनीकी खराबी आने पर निवेशकों को सौदा काटने का पूरा समय मिलेगा. (Reuters)
Tech glitches in Exchange: किसी एक्सचेंज में तकनीकी खामी आने पर निवेशकों और ट्रेडर्स को अपने सौदे निपटाने का पूरा मौका दिया जाएगा. ज़ी बिजनेस को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सेबी (Sebi) की ओर से इस मामले पर जल्दी ही नियम जारी किए जाएंगे. दरअसल, 24 फरवरी 2021 को एनएसई (NSE) में आई तकनीकी खामी के बाद बाजार से जुड़े सभी पक्षों ने ये मामला उठाया था. जिसके बाद बाजार के कामकाज का समय बढ़ाने पर सहमति बनी है. ज़ी बिजनेस को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर मार्केट (Stock Market) बंद होने के सामान्य समय के सवा घंटे पहले तक एक्सचेंज में कामकाज न चालू होने पर समय डेढ़ घंटा बढ़ जाएगा. यानि कि अगर 2:15 बजे तक कामकाज चालू नहीं हो और उसके बाद हुआ तो बाजार 5 बजे तक खुलेंगे. इस स्थिति में एक्सचेंजों को 2:15 बजे तक सबको इसकी जानकारी भी देनी होगी कि बाजार का समय बढ़ाया जा रहा है ताकि लोगों वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे के पास अपने सौदों को लेकर फैसला करने का पर्याप्त वक्त रहे.
सेबी के मौजूदा नियमों के मुताबिक किसी भी एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन या डिपॉजिटरी में तकनीकी खामी अगर 30 मिनट में ठीक नहीं होती है तो उसे डिसास्टर घोषित किया जाना जरूरी है.
नए नियमों की जरूरत क्यों?
24 फरवरी 2021 को NSE में टेलीकॉम लिंक में दिक्कत आने से एक्सचेंज का कामकाज करीब 4 घंटे तक रुका था. बाद में जब एक्सचेंज चालू हुआ तो निवेशकों और ट्रेडर्स को सही जानकारी नहीं मिली. जिसकी वजह से कई ट्रेडर्स को सौदे काटने पड़े या खुद कट गए और भारी नुकसान हुआ. ब्रोकर्स और क्लाइंट्स के बीच भी काफी विवाद हुआ. नए नियम लागू होने पर ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अब सबके पास बराबर सूचना होगी और घबराकर कोई सौदे नहीं काटेगा.
🔸SEBI ने रिटेल निवेशकों के लिए उठाया अहम कदम
🔸मार्केट बंद होने के 1:15 घंटे पहले चालू नहीं हुआ तो देना होगा एक्सटेंशन
24 फरवरी 2021 को वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे तकनीकी दिक्कत की वजह से NSE को सुबह 11:40 बजे काम काज रोकना पड़ा था. बाद में वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे खबर आई थी कि दोपहर 1:30 बजे मार्केट फिर से शुरू होगा. आखिरकार बाजार दोपहर 03:17 बजे शुरू हुआ और क्लोजिंग फिर शाम 5 बजे हुई. सेबी फिलहाल इक्विटी कैश और इक्विटी डेरिवेटिव के लिए ये नियम लागू करने वाली है. बाद में कमोडिटी और करेंसी डेरिवेटिव के लिए भी इसी तरह का एक्सटेंशन देने पर विचार किया जाएग.
NSE की घटना के बाद क्या रेगुलेशन बदले?
NSE की घटना के बाद क्या सेबी ने तकनीकी खामी की स्थिति से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर नियम बदला. जिसमें तय समय सीमा में खामी ठीक न होने पर एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन या डिपॉजिटरी जहां भी खामी आई उस पर साथ ही उसके MD के साथ चीफ टेक्निकल ऑफिसर की जवाबदेही तय की. जिसमें फाइनेंशियल डिसइंसेंटिव का प्रावधान किया गया.
जुर्माने का प्रावधान
एक्सचेंज आदि के लिए 1 लाख रु से लेकर 2 करोड़ रु तक तक जुर्माने का प्रावधान किया गया. जबकि समय रहते तकनीकी खामी को डिस्साटर न घोषित करने पर MD और CTO की सालाना सैलरी का 10 फीसदी तक काटने का नियम आया. एक्सचेंज और डिपॉजिटरी पर लगे जुर्माने की रकम इनवेस्टर प्रोटेक्शन फंड में डालने को कहा गया. जबकि क्लीयरिंग कॉरपोरेशन पर लगे जुर्माने की रकम कोर सेटलमेंट गारंटी फंड में डालने का निर्देश दिया गया. साथ ही ये भी कहा गया कि 24 घंटे के भीतर घटना का रुट कॉज एनालिसिस सेबी को सौंपा जाए.वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे
मामले की जांच रिपोर्ट को टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के पास भेजा जाए और सुझाए गए उपायों पर किए गए अमल की रिपोर्ट दी जाए. साथ ही 90 दिन के भीतर अदा किए गए जुर्माने की जानकारी सेबी को सौंपी जाए. साथ ही MD और CTO की नियुक्ति की शर्तों में इस बात का भी जिक्र किए जाए कि तकनीकी खामी होने पर उनके पैसे काटे जा सकते हैं. सेबी ने नियमित डिसास्टर रिकवरी साइट पर कारोबार शिफ्ट करने का भी नियम लागू किया. ताकि खामी होने पर डिसास्टर रिकवरी साइट से काम किया जा सके.
SEBI: स्टॉक एक्सचेंज में हुई तकनीकी खामी के लिए लगेगा जुर्माना, जानिए वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे सेबी के नए कानून के बारे में
इस साल फरवरी में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में तकनीकी खामी आने की वजह से सुबह 11.40 बजे के आसपास फ्यूचर एवं ऑप्शन और 11.43 बजे कैश मार्केट में कारोबार रोक दिया गया था। एनएसई में दोपहर बाद 3.30 बजे तक ही कारोबार शुरू वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे हो गया, जो बाजार के बंद होने का समय होता है। तकनीकी समस्या की वजह से लोगों को सहूलियत देने के लिए इस दिन का कारोबार 5.30 बजे तक कर दिया गया।
SEBI: स्टॉक एक्सचेंज में हुई तकनीकी खामी के लिए लगेगा जुर्माना, जानिए सेबी के नए कानून के बारे में
देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म जिरोधा ने NSE में दिक्कत आने के बाद अपने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे बीएसई पर अपने सौदे और ऑर्डर्स पूरे करें। अपस्टॉक्स, आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने भी अपने ग्राहकों को सोशल मीडिया पर इसी तरह की सलाह दी।
सेबी के नए नियम
शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने तकनीकी खामियों को लेकर एक गाइडलाइंस जारी की है। सेबी के मुताबिक स्टॉक मार्केट (stock market) में तकनीकी खामी को वक्त रहते नहीं संभाला तो जुर्माना लगाया जायेगा। 21 दिन में तकनीकी खामी के कारण का पता नहीं लगा तो हर दिन के हिसाब से लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं तकनीकी खामी को डिजास्टर बताने मे देरी पर भी भारी दंड का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत स्टैंडअलोन मुनाफे का 10% या 2 Cr रु में जो अधिक हो, वह लागू किया जाएगा।
SEBI के नियम में खास
सेबी (The Securities and Exchange Board of India) ने SOP में और भी कई बातों का जिक्र किया है। वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज के कामकाजी घंटे इसके मुताबिक जिस साल Stock Market में इस तरह की तकनीकी खामी आएगी उस साल MD और CTO की 10% सैलरी कटेगी। तय समय में सिस्टम रीस्टोर नहीं होने पर भी एक्सचेंज और CEO पर पेनाल्टी लगाई जाएगी। इस पेनाल्टी में सिस्टम रीस्टोर न होने पर मुनाफे का 10% या 2 Cr रु में जो अधिक होगा, वह जुर्माना लगाया जाएगा। अगर तय समय में सिस्टम रीस्टोर नहीं हुआ तो CEO, CTO की 10% सैलरी काटी जाएगी।
स्टॉक ट्रेड में गड़बड़ी नहीं
sebi के SoP में कहा गया है कि 75 मिनट से 3 घंटे के बीच सिस्टम सामान्य नहीं होने पर 50 लाख रुपये का दंड लगाया जायेगा। इसके अलावा अगर 3 घंटे के बाद भी स्थिति सामान्य नहीं होती तो 1 करोड़ रु का दंड लगेगा। दंड से जुटाए गए पैसे एक्सचेंज के इनवेस्टर प्रोटेक्शन फंड में डाले जाएंगे। डिपॉजिटरीज भी दंड से जुटे पैसे को इनवेस्टर प्रोटेक्शन फंड में देंगी। क्लीयरिंग कॉरपोरेशन जुर्माने की रकम को कोर सेटलमेंट गारंटी फंड में देंगे।
NSE के सिस्टम में खामी
stock exchange के CEO, CTO की नियुक्ति की शर्त में दंड की शर्त भी जोड़नी होगी। Stock Exchange में तकनीकी खामी पर नए नियम 16 अगस्त 2021 से लागू किए जाएंगे। सेबी के ये सभी नियम एक्सचेंजेज, डिपॉजिरीज और क्लीयरिंग कॉरपोरेशंस पर लागू किए जाएंगे। इस साल फरवरी में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सिस्टम में एक तकनीकी खामी आई थी और 4 घंटे तक स्टॉक एक्सचेंज के कामकाज में बाधा आई थी। सेबी का नया नियम इस घटना के जवाब में ही लाया गया है।
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