Investment Tips: पहली बार SIP में करने जा रहे हैं निवेश, तो यहां जान लें इसकी ABCD

SIP में आपको कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है, ऐसे में आपको निवेश की गई राशि के अलावा रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है. अगर आप पहली बार एसआईपी में निवेश कर रहे हैं, तो यहां जानिए इसे शुरू करने SIP में निवेश क्यों करें? का तरीका.

पहली बार SIP में करने जा रहे हैं निवेश, तो यहां जान लें इसकी ABCD (Zee Biz)

SIP के जरिए आप आसानी से म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. SIP के जरिए बहुत तेजी से पैसा बनाया जा सकता है. अगर आप किसी रकम को फिक्‍स्‍ड डिपोजिट में निवेश करते हैं, तो आप सिर्फ उस पर रिटर्न पाते हैं, लेकिन SIP से आप पूंजी बना पाते हैं, वो ऐसे कि एसआईपी में आपको कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है, ऐसे में आपको निवेश की गई राशि के अलावा रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है. यही वजह है कि SIP को आप जितने लंबे समय के लिए चलाते हैं, उतना बेहतर मुनाफा प्राप्‍त करते हैं. लेकिन अगर आपने कभी SIP में निवेश नहीं किया है, तो यहां इसकी ABCD जान लें, ताकि आपको किसी तरह की परेशानी न हो.

SIP में निवेश क्यों करना चाहिए, ये 4 फायदे जानने के बाद सब कुछ क्‍लीयर हो SIP में निवेश क्यों करें? जाएगा!

ज्‍यादातर एक्‍सपर्ट मानते हैं कि SIP से कम समय में ज्‍यादा पैसा बनाया जा सकता है. हालांकि आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर SIP से मोटा पैसा कैसे बन जाता है और इसमें क्‍यों निवेश करना चाहिए?

SIP में निवेश क्यों करना चाहिए, ये 4 फायदे जानने के बाद सब कुछ क्‍लीयर हो जाएगा ! (Zee News)

आजकल SIP (Systematic Investment Plan) को लेकर क्रेज काफी बढ़ रहा है. अगर आप किसी से निवेश के मामले में सलाह लेंगे तो आपको एसआईपी में निवेश करने के लिए जरूर कहा जाएगा. दरअसल SIP के जरिए आप किसी भी तरह के म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं और मोटी रकम जुटा सकते हैं. अच्‍छी बात ये है कि SIP को आप 500 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं. ज्‍यादातर एक्‍सपर्ट मानते हैं कि SIP से कम समय में ज्‍यादा पैसा बनाया जा सकता है. हालांकि आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर SIP से मोटा पैसा कैसे बन जाता है और इसमें क्‍यों निवेश करना चाहिए? आइए आपको बताते हैं इन सवालों के जवाब.

समझिए कैसे बड़ी पूंजी कम समय में होती है तैयार

जब आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको कुछ यूनिट्स अलॉट किए जाते हैं. उदाहरण से समझिए कि किसी एक म्यूचुअल फंड का NAV यानी Net Asset Value अगर 20 रुपए है और आपने उस म्‍युचुअल फंड में 1000 रुपए का निवेश किया, तो आपको 50 यूनिट्स अलॉट हो जाएंगे. अब जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड की NAV बढ़ेगी, वैसे-वैसे आपका निवेश किया हुआ पैसा भी बढ़ेगा. अगर म्‍यूचुअल फंड की NAV 35 रुपए की हो जाती है, तो आपके 50 यूनिट्स की कीमत बढ़कर 1750 रुपए हो जाएगी. इस तरह SIP के जरिए कम समय में ज्‍यादा पूंजी तैयार की जा सकती है.

क्या है SIP के जरिए Mutual Fund में निवेश का सही तरीका? कैसे बनें स्मार्ट इन्वेस्टर

Mutual Fund में SIP या दूसरे तरीकों से निवेश का मतलब यही है कि बुरे वक्त में निवेश जारी रखा जा सके। स्मार्ट इन्वेस्टर इस बात का अनुमान नहीं लगाते कि मार्केट किस दिशा में जा रहे हैं। वो निवेश का सही जरिया तलाश लेते हैं।

धीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली। कंपनी की बुनियादी बातों पर ध्यान देने वाले उनके लाभ, वृद्धि, मूल्यांकन जैसी बातों को अच्छी तरह से जानते हैं। यह सब जानना-समझना ही कई साल के निवेश में सही नतीजे देता है। यह बातें किसी एक दिन का नंबर तय नहीं करतीं। स्क्रीन पर नजर आने वाले नंबर मौजूदा दामों पर होने वाली सप्लाई और डिमांड के आधार पर तय होते हैं।

डिमांड ज्यादा होने पर दाम तब तक ऊपर जाते हैं जब तक दोनों एक ही स्तर पर नहीं आ जाते। यही माइक्रो-इकोनमिक्स की सबसे बुनियादी बात है। शेयर मार्केट एक शानदार प्रयोगशाला है जिसमें इसी का अध्ययन होता है।

Investment lesson for investors from football (Jagran File Photo)

शेयर मार्केट में बदलाव अचानक क्यों होते हैं

असल SIP में निवेश क्यों करें? अर्थव्यवस्था में सप्लाई-डिमांड और धन की सप्लाई में मायने रखने वाला बदलाव कई महीनों या वर्षों में आता है। शेयर मार्केट में यह कुछ ही दिनों, घंटों या मिनटों SIP में निवेश क्यों करें? और सेकेंडों में हो जाता है। बुनियादी कारकों के आधार पर चलने वाले निवेशक जिन बातों पर भरोसा करते हैं वो केंद्र में बनी रहती हैं, मगर शार्ट-टर्म के बदलावों का चक्र अलग होता है।

आखिर इन शार्ट-टर्म बदलावों को क्या ड्राइव करता है? कभी आप टीवी पर कोई बिजनेस चैनल खोलें या किसी न्यूज वेबसाइट को देखें तो पाएंगे कि हाल ही के किसी आकंड़े या घटना का कारण बताया जाएगा। इसमें, तेल के दाम, ब्याज दर, राजनीतिक घटनाएं या कुछ भी हो सकता है।

बाजार कैसे अपनी दिशा बदलता है

असल में ज्यादातर को इन बदलावों के कारण और तर्क पता नहीं होते। सच तो ये है कि इनका पता नहीं लगाया जा सकता। जो कारण आपको मीडिया और सोशल मीडिया से पता चलते हैं, वो घटना के बाद की ईजाद होते हैं। जो स्टाक में निवेश करते हैं उनके पास दूसरी कई तरह की जानकारियों पर आधारित विश्लेषण होते हैं, जो इससे भी विस्तृत होते हैं। आप कैसे अनुमान लगाएंगे कि मार्केट ऊंचाई पर हैं या नीचे।

अनुमान पर आधारित आंकड़े या मान्यताओं पर बने नियमों को यह कह कर प्रमोट किया जाता है कि मार्केट इतना ऊंचा है कि वो अब जल्द ही गिरने वाला है या फिर इतने नीचे है कि अब बढ़ना शुरू हो जाएगा। मिसाल के तौर पर- रिकार्ड हाई वैल्युएशन, इक्विटी में बड़ी संख्या में नए निवेशकों का आना, इक्विटी मार्केट में वाल्यूम का ज्यादा होना और इसी तरह की दूसरी स्थितियां मार्केट के शीर्ष पर होने के संकेत माने जाते हैं। मार्केट का नीचे होना इन सब बातों का उलटा होना होता है। आपको क्या लगता है कि ये संकेत काम आते हैं। काम आने से मतलब है कि इन संकेतों से आप जान सकें कि मार्केट अपनी दिशा बदलेगा।

एसआईपी से मार्केट क्रैश की चिंता नहीं

सच तो ये है कि आप ऐसा नहीं कर सकते। जैसे टीवी एंकर हर रोज के बदलावों के कारण बताते हैं, वैसे ही ये भी बाद में दिए गए स्पष्टीकरण हैं। हालांकि अपवाद हमेशा ही होते हैं। सही होगा, अगर आप मार्केट की चाल को लेकर अपने (या दूसरों के) विश्वास के आधार पर कभी निवेश न करें।

निवेशकों को अपना निवेश, भविष्य के अनुमान पर न करके इन्वेस्टमेंट की क्वालिटी पर, और उस दाम पर करना चाहिए, जो सही आंतरिक कारकों पर आधारित हो। म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स के लिए समस्या से निबटना और भी आसान है। उन्हें दो या तीन इक्विटी फंड चुनने चाहिए, जिनका लंबे अर्से का अच्छा रिकार्ड हो। उन्हें अपना निवेश एसआइपी के जरिये किस्तों में करना चाहिए और मार्केट क्रैश की चिंता नहीं करनी चाहिए।

(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

मुझे ELSS में SIP के माध्यम से निवेश करना चाहिए या एकमुश्त?

मुझे ELSS में SIP के माध्यम से निवेश करना चाहिए या एकमुश्त?

ELSS में SIP के माध्यम से या एकमुश्त निवेश करने का चुनाव इस पर निर्भर करता है कि आप कब और क्यों निवेश कर रहे हैं। अगर आप वित्त वर्ष के अंत में टैक्स बचाने के बारे में सोच रहे हैं, तो एकमुश्त निवेश करना ही आपका एकमात्र विकल्प है। लेकिन अगर आप वित्त वर्ष की शुरुआत में निवेश कर रहे हैं, तो SIP में निवेश क्यों करें? आप एकमुश्त या SIP के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। ELSS टैक्स लाभ देता है और इसमें इक्विटीज़ के बढ़ने की क्षमता भी होती है।

SIP के माध्यम से ELSS में निवेश करने के दो फ़ायदे हैं। पहला, आप अपने निवेश को पूरे SIP में निवेश क्यों करें? साल में बांटकर जोखिम को कम करते हैं। दूसरा, एक ही समय पर एकमुश्त निवेश करने के मुकाबले रुपया-लागत औसत की वजह से साल भर अलग-अलग NAVs में निवेश करके आप बेहतर औसत कीमत हासिल कर सकते हैं। तीसरा, एकमुश्त निवेश की तुलना में छोटी-छोटी रकमों में किया जाने वाला नियमित निवेश आपको महंगा भी नहीं पड़ता लेकिन आपके लिए यह सुनिश्चित करना ज़रूरी होता है कि पूरे साल निवेश की गई कुल राशि उतनी ही है जितनी आप ELSS के लिए आवंटित करना चाहते हैं।

क्योंकि ELSS फंड्स में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है, इसलिए अगर आप SIP में निवेश क्यों करें? आज निवेश करते हैं, तो एकमुश्त निवेश की स्थिति में आप केवल 3 साल बाद ही अपनी रकम निकाल सकते हैं। लॉक-इन अवधि हर SIP भुगतान पर भी लागू होती है। अगर आप 12 महीने में निवेश की गई रकम निकालना चाहते हैं, तो आपको SIP की आख़री किश्त के 3 साल पूरे होने तक इंतज़ार करना होगा।

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